Monday 18 November 2019

अविगत सत्त कबीर

गरीब, तेजपुंज की सेज है,
सुनंमंडल सीरा।
अदली तख्त ख्वास हैं,
जहां आप कबीरा।।

गरीब, गैबी ज्ञान विज्ञान सतगुरु,
अचल दिगंबर थीर है।
भक्त हेतु काया धर आऐ,
अविगत सत्त कबीर हैं।।

गरीब, हरदम खोज हनोज हाजिर,
त्रिवैणी के तीर है।
दास गरीब तबीब सतगुरु,
बंदीछोड़ कबीर है।।

गरीब, सतगुरु पूर्ण ब्रहम हैं,
सतगुरु आप अलेख।
सतगुरु रमता राम है,
या मे मीन न मेख।।

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