Kabir Sahib
Tuesday, 30 April 2024
सुरति कमल कहां है
सन्त अनेक संसार मे, सत्गुरु सत्य कबीर
शब्द बिना सुरति आंधरी
मारग दोय तोहि कहुं ज्ञाना, एक बंधन एक मोक्ष बखाना
संतोष बोध
सुरति कमल - काया पांजी - कबीर सागर
मूल नाभि ते शब्द उचारा, फूटी नाल भई दुइ धारा
Monday, 29 April 2024
कर सेवा निर्बंध की
कबीर,
बंधे को बंधा मिला,
छूटै कौन उपाय ।
कर सेवा निर्बंध की,
पल मे ले छुड़ाई ।।
सात सुरति
औहं काया मरि मरि जाई, सोहं फिर फिर देह धराई
सेत लोक मे सतगुरु से मिलाप
सेत अटारी का भेद
हौद कौसर का भेद
सत कबीर लोक का भेद
गुप्त वस्तु का भेद
छर, अछर, निहअछर
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