Avigat Kabir
Friday, 28 March 2025
ऊँ-सोहं
प्रथमहिं मंदिर चैक पुराये । उत्तम आसन श्वेत बिछाये ।।
हंसा पग आसन पर दीन्हा । सतकबीर कही कह लीन्हा ।।
नाम प्रताप हंस पर छाजे । हंसहि भार रती नहिं लागे ।।
कहै कबीर सुनो धर्मदासा । ऊँ-सोहं शब्द प्रगासा ।।
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