Monday, 30 June 2025

भीखा भूखा कोई नहीं, सबकी गठरी लाल

भीखा भूखा कोई नहीं ।
सबकी गठरी लाल ।।
गांठ खोल देखा नहीं ।
ताते भये कंगाल ।।

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