Avigat Kabir
Monday, 14 July 2025
कबीरा कलजुग कठिन है
कबीर, यह कलियुग आयो अबै,
साधु न मानै कोय।
कामी क्रोधी मसखरा,
तिनकी पूजा होय।।
कबीरा कलजुग कठिन है
साधो ना मिलया कोय
चोर उचक्के मसखरे
तिनको आदर होय
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