Avigat Kabir
Sunday, 13 July 2025
जप तप संयम साधना, सब सुमिरन के मांही
कबीर, जप तप संयम साधना,
सब सुमिरन के मांही।
कबीर, जानै राम जन,
सुमिरन सम कुछ नाहीं।।
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