Avigat Kabir
Monday, 30 June 2025
कोई है रे परले पार का, जो भेद कहे झंकार का
कोई है रे परले पार का, जो भेद कहें झंकार का |
असली धुन तो कहते है वहां बज रही है जो सत धुन है।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment