Friday, 28 March 2025

नानक, सोहं हंसा जपु बिन माला

सोहं हंसा जपु बिन माला। तहिं रचिआ जहिं केवल बाला।।
गुर मिलि नीरहिं नीर समाना। तब नानक मनूआ गगनि समाना।।38।।

प्राण संगली-हिन्दी - के पृष्ठ नं. 5 पर गौड़ी रंगमाला जोग निधि - महला 1 - पौड़ी नं. 38

No comments:

Post a Comment