Thursday 1 June 2023

कहें कबीर सुनो भाई साधो । जपो सोहंग सोहंग ।

होत आनन्द आनन्द भजन में ।
बरसात शबद अमी की बङेर । भीजत है कोई सन्त । 1
अगर वास जहाँ तत्व की नदियाँ । मानों अठारह गंग । 2
कर अस्नान मगन होय बैठे । चढत शबद के रग । 3
पियत सुधारस लेत नाम रस । चुवत अगर के बूँद ।  4
रोम रोम सब अमृत भीजे । परस परसत अंग । 5
स्वांसा सार रचे मोरे साहिब । जहाँ न माया मोहंग । 6
कहें कबीर सुनो भाई साधो । जपो सोहंग सोहंग । 7
साखी नाम नरायन । जगत गुरु करे बोध संसार ।
वचन प्रताप से उबरे । भवजल में कङिहार ।

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