Thursday 4 February 2021

ज्ञान रूप पुरुष कर जानौ

*ज्ञान स्वरुप पुरुष कर आही।*
*ज्ञानहि रूप कबीर लखाही।।*
*ज्ञान प्रकाश दीप सम जानौ।*
*बिना ज्ञान बस झूठ बखानौ।।*
*बिना ज्ञान घट में अंधियारा।*
*ज्ञान बिना नहिं होय उबारा।।*
*ज्ञान बिना अक्षर नहिं पाई।*
*ज्ञान रूप अक्षर हैं भाई।।*
*ज्ञान रूप पुरुष कर जानौ।*
*एही वचन सत्य कर मानौ।।*
*ज्ञान रुप नि:अक्षर कहिये।*
*अक्षर भेद ज्ञान सो लहिये।।*
*नि:अक्षर हो ज्ञानहि जानौ।*
*अक्षर नि:अक्षर पहिचानौ।।*
*ज्ञान शब्द पुरुष कर अंशा।*
*ज्ञान जान जन सोह मम वंशा।।*
*बिना ज्ञान नहिं वंश कहावै।*
*ज्ञान होय तब शब्दहि पावै।।*
*सोई वंश सत शब्द समाना।*
*शब्दहि हेत कथै निज ज्ञाना।।*

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