Wednesday 23 September 2020

नल नील सतगुरू से करी पुकार

धर्मदास, रहे नल नील जतन कर हार, तब सतगुरू से करी पुकार।
जा सत रेखा लिखी अपार, सिन्धु पर शिला तिराने वाले।
धन-धन सतगुरु सत कबीर, भक्त की पीर मिटाने वाले।

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