Avigat Kabir
Monday, 15 December 2025
नानक, गुरमति सोहं मंतू
प्राण संगली-हिन्दी - के पृष्ठ नं.
71
पर रामकली - महला
1 -
पौड़ी नं.
42
अैसा संम्रथु को नही किसु पहि करउँ बिनंतू
पूरा सतिगुर सेव तूँ गुरमति सोहं मंतू
42
।।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment