Saturday, 6 December 2025

मन की तरंग मार लो, बस हो गया भजन

आये हो तुम कहाँ से, जाओगे तुम कहाँ।

इतना ही विचार लो, बस हो गया भजन॥

कोई तुम्हे बुरा कहे, तुम सुन कर क्षमा करो।
वाणी का स्वर संभाल लो, बस हो गया भजन॥

नेकी सभी के साथ में बन जाए तो करो।
मत सर बंदी का हर लो, बस हो गया भजन॥

नजरो में तेरी दोष है, दुनिया निहारते।
समता का अंजन ढाल लो, बस हो गया भजन॥

यह महल माडिया ना तेरे साथ जायेगी।
सतगुरु की महिमा जान लो, बस हो गया भजन॥

अनमोल ब्रह्मानंद जो चाहिए सदा।
घट घट में राम निहार लो, बस हो गया भजन॥

मन की तरंग मार लो, बस हो गया भजन।
आदत बुरी संवार लो, बस हो गया भजन॥

No comments:

Post a Comment