संत गरीबदास जी महाराज की अमृत वाणी में स्वांस के नाम का प्रमाण:--
गरीब, स्वांसा पारस भेद हमारा, जो खोजे सो उतरे पारा।
स्वांसा पारा आदि निशानी, जो खोजे सो होए दरबानी।
स्वांसा पारा आदि निशानी, जो खोजे सो होए दरबानी।
स्वांसा ही में सार पद, पद में स्वांसा सार।
दम देही का खोज करो, आवागमन निवार।।
गरीब, स्वांस सुरति के मध्य है, न्यारा कदे नहीं होय।
सतगुरु साक्षी भूत कूं, राखो सुरति समोय।।
गरीब, चार पदार्थ उर में जोवै, सुरति निरति मन पवन समोवै।
सुरति निरति मन पवन पदार्थ(नाम), करो इक्तर यार।
द्वादस अन्दर समोय ले, दिल अंदर दीदार।
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