Friday, 23 May 2025

भक्ति बीज पलटै नहीं

 गरीबदास जी महाराज अपनी वाणी में कहते हैं:

भक्ति बीज पलटै नहींयुग जांही असंख।
सांई सिर पर राखियोचैरासी नहीं शंक।।

घीसा आए एको देश सेउतरे एको घाट।
समझों का मार्ग एक हैमूर्ख बारह बाट।।

कबीर भक्ति बीज पलटै नहींआन पड़ै बहु झोल।
जै कंचन बिष्टा परैघटै न ताका मोल।।

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