सदाफल, कर्म मूल संकल्प हैं, पीछे बन सब कर्म ।
करता के संकल्प से, सृष्टि प्रलय मय कर्म ।।
बन संकल्प आधार से, मूर्ख से विद्वान ।
योगी से योगी बने, साबित साथको ज्ञान ।।
जिसका दृढ संकल्प नहीं, उसका दृढ नहि काज ।
वह कुछ कर सकता नहीं, हाथ से जाय स्वराज ।।
अटल दृढ संकल्प है, पावे निश्चय नाम ।
देव सदाफल संयमी, होवे पूर्णा कामा ।।
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