Kabir Sahib
Tuesday, 7 July 2020
कोई सत्य असत्य न परखे
कोई ये सत्य असत्य न परखे।
क्रमक झमक वाणी की हरखे।।
नही कोई हीरा पारख लाल।
सो कर्ता सत केवल करतार।।
तमो ने भूल गया नर नार।
सो कर्ता सत केवल करतार।।
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