Avigat Kabir
Monday, 15 September 2025
सब वजूद के अंतरे, है मौजूद कबीर
सब वजूद के अंतरे,
है मौजूद कबीर।
ताको सुलभ कर देखिए,
सब पीरन मे पीर।।
दोनो दीन मे रम रहा,
सत्गुरु नाम कबीर।।
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