Friday, 28 March 2025

सोहं आपु पछाणीऐ सबदि भेदि पतीआइ

बिन गुर प्रीति न ऊपजै हउमै मैलु न जाइ।।
सोहं आपु पछाणीऐ सबदि भेदि पतीआइ।।
गुरमुखि आपु पछाणीऐ अवर कि करे कराइ।।
मिलिआ का किआ मेलीऐ सबदि मिले पतीआइ।।
मनमुखि सोझी न पवै वीछुडि़ चोटा खाइ।।
नानक दरु घरु एकु है अवरु न दूजी जाइ।।

प्रमाण के लिए पंजाबी गुरु ग्रन्थ साहिब के पृष्ठ नं. 59.60 पर सिरी राग महला 1 (शब्द नं.11)

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