Avigat Kabir
Friday, 28 March 2025
पाँचों नाम काल के जानौ
पाँचों नाम काल के जानौ तब दानी मन संका आनौ।
सुरति निरत लै लोक सिधाऊँ
,
आदिनाम ले काल गिराऊँ।
सतनाम ले जीव उबारी
,
अस चल जाऊँ पुरुष दरबारी।।
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