Kabir Sahib
Tuesday, 7 January 2025
रैदास मनुष ना जुड़ सके, जब तक जाति न जात
रैदास, जाति-जाति में जाति हैं,
जो केतन के पात ।
रैदास मनुष ना जुड़ सके,
जब तक जाति न जात ।।
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