Sunday 27 October 2024

मैं तो फिरूँ ढूंढता, अपने हीरे माणिक लाल

कबीर, गोता मारू स्वर्ग में,
जा बैठूं पाताल ।
मैं तो फिरूँ ढूंढता,
अपने हीरे माणिक लाल ।।

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