Saturday, 26 October 2024

ग्रन्थ रोग अज्ञान

सदाफल, वर्ण शब्द रचना बढ़ी, पुस्तक बहु विस्तार ।
लेख रोग दिन दिन बढ़े, जाहि फँसे संसार ।।

सद्गुरु केवल वैद्य हैं, ग्रन्थ रोग अज्ञान ।
ग्रन्थ वासना नष्ट हो, बोध पूर्ण तत्व ज्ञान ।।


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