Kabir Sahib
Wednesday, 9 October 2024
वाणी परे जो शब्द है, सो सतगुरु के पास
जहाँ तक मुख वाणी कहीं ।
तहाँ तक काल का ग्रास ।
वाणी परे जो शब्द है ।
सो सतगुरु के पास ।
बावन अक्षर माया संसारा ।
नि:अक्षर सो लोक पसारा ।
सोई नाम है अक्षर निवासा ।
कायाते बाहर प्रकाशा ।
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