कबीर, मै सिरजूं मै मारता,
मै जारुं मै खाऊं।
जल और थल मे मै रमा,
मोर निरंजन नाऊं।।
Saturday, 5 April 2025
Thursday, 3 April 2025
Wednesday, 2 April 2025
Tuesday, 1 April 2025
बलख और बिलायत लग, हम ही धारें भेष
गरीब, खुरासान काबुल किला,
बगदाद बनारस एक ।
बलख और बिलायत लग,
हम ही धारें भेष Il
बगदाद बनारस एक ।
बलख और बिलायत लग,
हम ही धारें भेष Il
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