Friday, 26 May 2023
Saturday, 13 May 2023
Friday, 12 May 2023
Thursday, 11 May 2023
हंसो सोहं सोहं हंसो बार बार उल्टात
निरंजन माला घट में फिरे दिन रात। टेक। ऊपर आवे नीचे जावे श्वास श्वास चल जात संसारी नर समझे नाही विरथा उमर विहात ।१। सोहं मंत्र जपे नित प्राणी बिन जिव्हा बिन दाँत अष्टपहर में सोवत जागत कबहुँ न पलक रुकात ।२। हंसो सोहं सोहं हंसो बार बार उल्टात सतगुरु पूरा भेद बतावे निश्छल मन ठहरात ।३। जो योगीजन ध्यान लगावें बैठ सदा परभात बृह्मानंद मोक्षपद पावें फेर जन्म नही आत ।४। निरंजन माला घट में फिरे दिन रात