Monday, 25 November 2019
Monday, 18 November 2019
ऐके से सब होत है, सब से ऐक न होऐ।
कबीर, जो वो ऐकै जाणिया,
तो जाणिया सब जाण।
जे वो ऐक न जाणिया,
तो सब ही जाण अजाण।।
कबीर, ऐक न जाणिया,
तौ बहू जाणै क्या होऐ।
ऐके से सब होत है,
सब से ऐक न होऐ।।
तो जाणिया सब जाण।
जे वो ऐक न जाणिया,
तो सब ही जाण अजाण।।
कबीर, ऐक न जाणिया,
तौ बहू जाणै क्या होऐ।
ऐके से सब होत है,
सब से ऐक न होऐ।।
अविगत सत्त कबीर
गरीब, तेजपुंज की सेज है,
सुनंमंडल सीरा।
अदली तख्त ख्वास हैं,
जहां आप कबीरा।।
गरीब, गैबी ज्ञान विज्ञान सतगुरु,
अचल दिगंबर थीर है।
भक्त हेतु काया धर आऐ,
अविगत सत्त कबीर हैं।।
गरीब, हरदम खोज हनोज हाजिर,
त्रिवैणी के तीर है।
दास गरीब तबीब सतगुरु,
बंदीछोड़ कबीर है।।
गरीब, सतगुरु पूर्ण ब्रहम हैं,
सतगुरु आप अलेख।
सतगुरु रमता राम है,
या मे मीन न मेख।।
सुनंमंडल सीरा।
अदली तख्त ख्वास हैं,
जहां आप कबीरा।।
गरीब, गैबी ज्ञान विज्ञान सतगुरु,
अचल दिगंबर थीर है।
भक्त हेतु काया धर आऐ,
अविगत सत्त कबीर हैं।।
गरीब, हरदम खोज हनोज हाजिर,
त्रिवैणी के तीर है।
दास गरीब तबीब सतगुरु,
बंदीछोड़ कबीर है।।
गरीब, सतगुरु पूर्ण ब्रहम हैं,
सतगुरु आप अलेख।
सतगुरु रमता राम है,
या मे मीन न मेख।।
Sunday, 17 November 2019
Wednesday, 13 November 2019
Satgur Data Naam De
ਹਰਿ ਕਾ ਨਾਮੁ ਨਿਧਾਨੁ ਹੈ ਕੋਈ ਗੁਰਮੁਖਿ ਜਾਣੈ ॥
हरि का नामु निधानु है कोई गुरमुखि जाणै ॥
ਨਾਨਕ ਜਿਨ ਸਤਿਗੁਰੁ ਭੇਟਿਆ ਰੰਗਿ ਰਲੀਆ ਮਾਣੈ ॥੧੫॥
नानक जिन सतिगुरु भेटिआ रंगि रलीआ माणै ॥१५॥
ਸਤਿਗੁਰੁ ਦਾਤਾ ਆਖੀਐ ਤੁਸਿ ਕਰੇ ਪਸਾਓ ॥
सतिगुरु दाता आखीऐ तुसि करे पसाओ ॥
ਹਉ ਗੁਰ ਵਿਟਹੁ ਸਦ ਵਾਰਿਆ ਜਿਨਿ ਦਿਤੜਾ ਨਾਓ ॥੧੬॥
हउ गुर विटहु सद वारिआ जिनि दितड़ा नाओ ॥१६॥
ਸੋ ਧੰਨੁ ਗੁਰੂ ਸਾਬਾਸਿ ਹੈ ਹਰਿ ਦੇਇ ਸਨੇਹਾ ॥
सो धंनु गुरू साबासि है हरि देइ सनेहा ॥
ਹਉ ਵੇਖਿ ਵੇਖਿ ਗੁਰੂ ਵਿਗਸਿਆ ਗੁਰ ਸਤਿਗੁਰ ਦੇਹਾ ॥੧੭॥
हउ वेखि वेखि गुरू विगसिआ गुर सतिगुर देहा ॥१७॥
ਗੁਰ ਰਸਨਾ ਅੰਮ੍ਰਿਤੁ ਬੋਲਦੀ ਹਰਿ ਨਾਮਿ ਸੁਹਾਵੀ ॥
गुर रसना अम्रितु बोलदी हरि नामि सुहावी ॥
ਜਿਨ ਸੁਣਿ ਸਿਖਾ ਗੁਰੁ ਮੰਨਿਆ ਤਿਨਾ ਭੁਖ ਸਭ ਜਾਵੀ ॥੧੮॥
जिन सुणि सिखा गुरु मंनिआ तिना भुख सभ जावी ॥१८॥
हरि का नामु निधानु है कोई गुरमुखि जाणै ॥
ਨਾਨਕ ਜਿਨ ਸਤਿਗੁਰੁ ਭੇਟਿਆ ਰੰਗਿ ਰਲੀਆ ਮਾਣੈ ॥੧੫॥
नानक जिन सतिगुरु भेटिआ रंगि रलीआ माणै ॥१५॥
ਸਤਿਗੁਰੁ ਦਾਤਾ ਆਖੀਐ ਤੁਸਿ ਕਰੇ ਪਸਾਓ ॥
सतिगुरु दाता आखीऐ तुसि करे पसाओ ॥
ਹਉ ਗੁਰ ਵਿਟਹੁ ਸਦ ਵਾਰਿਆ ਜਿਨਿ ਦਿਤੜਾ ਨਾਓ ॥੧੬॥
हउ गुर विटहु सद वारिआ जिनि दितड़ा नाओ ॥१६॥
ਸੋ ਧੰਨੁ ਗੁਰੂ ਸਾਬਾਸਿ ਹੈ ਹਰਿ ਦੇਇ ਸਨੇਹਾ ॥
सो धंनु गुरू साबासि है हरि देइ सनेहा ॥
ਹਉ ਵੇਖਿ ਵੇਖਿ ਗੁਰੂ ਵਿਗਸਿਆ ਗੁਰ ਸਤਿਗੁਰ ਦੇਹਾ ॥੧੭॥
हउ वेखि वेखि गुरू विगसिआ गुर सतिगुर देहा ॥१७॥
ਗੁਰ ਰਸਨਾ ਅੰਮ੍ਰਿਤੁ ਬੋਲਦੀ ਹਰਿ ਨਾਮਿ ਸੁਹਾਵੀ ॥
गुर रसना अम्रितु बोलदी हरि नामि सुहावी ॥
ਜਿਨ ਸੁਣਿ ਸਿਖਾ ਗੁਰੁ ਮੰਨਿਆ ਤਿਨਾ ਭੁਖ ਸਭ ਜਾਵੀ ॥੧੮॥
जिन सुणि सिखा गुरु मंनिआ तिना भुख सभ जावी ॥१८॥